Tuesday, October 20, 2015








मधयप्रदेश के बेतुल जिले के एनआरअरई ने आशाराम बाबू को गिरफ़्तार होने से पहले कई बार बचाया और साथ ही अपने निजी विमान में सैर कराई ! और तो और एनआरअरई का विमान उडाने का लाइसेन्स भी अपडेट नहीं था ! १० साल पुराने लाइसेंस को लेकर विमान एक बार सड़क पर उतरने का कारनामा भी ये महाशय कर चुके है!
संदीप सिंह की रिपोर्ट
इस खबर के बाद कई धमकिया मिली !

Tuesday, January 29, 2013



PT Usha comeing in EMS House Head Office Bhopal (M.P.)
Date  23/08/2012

भोपाल से एक्सप्रेस न्यूज़ समाचार पत्र  में प्रकाशित   


संदीप सिंह
नई दिल्ली/ भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के विरोध के बावजूद अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने गुरुवार को साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया कि १९८४ के भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार डाउ केमिकल्स लंदन ओलंपिक की प्रायोजक बनी रहेगी। साथ ही कहा कि इस कंपनी का भोपाल गैस कांड से कोई लेना-देना नहीं हैं। हालांकि आईओसी के इस फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई है। आईओसी का कहना है कि डाउ कैमीकल का २००० तक कार्बाइड में कोई मालिकाना हक नहीं था। उसका यह भी कहना है कि डाउ कैमीकल के साथ पिछले ३० साल से अधिक समय से रिश्ता है और हमने जब डाउ के साथ भागीदारी पर चर्चा की तो हम भोपाल गैस कांड से वाकिफ भी थे।
इससे पहले आईओए ने लंदन ओलंपिक खेलों के प्रायोजक के रूप में डाउ कैमीकल का शुरू से विरोध किया, क्योंकि यूनियन कार्बाइड का मालिकाना हक उसके पास है। यूनियन कार्बाइड भारत के सबसे दर्दनाक औद्योगिक हादसे के लिये जिम्मेदार है। आईओए न आईओसी और लंदन ओलंपिक खेलों की आयोजन समिति से डाउ को खेलों के प्रायोजक से हटाने का आग्रह किया था। आईओए के कार्यकारी विजय कुमार मल्होत्रा को भेजे गये पत्र में आईओसी प्रमुख जाक रोगे ने कहा है, कि आईओसी मानती है कि १९८४ में भोपाल कांड भारत और दुनिया के लिये भयावह था।
ओलंपिक आंदोलन पीडि़तों के परिवार पर गहरी संवेदना रखता है। इस पत्र पर मल्होत्रा ने कहा कि आईओए आईओसी के रवैये से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आईओसी को हमारी भावनाओं को समझकर डाउ को प्रायोजक से हटाना चाहिए। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार को इस मसले पर अपना रवैया साफ करना चाहिए। मल्होत्रा का कहना है कि हमें अभी सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है जबकि आईओसी ने हमें जवाब दे दिया है। मल्होत्रा ने कहा कि जबकि डाउ कैमीकल की जानकारी और अनुमति से भारत में अपना काम कर रहा है तब प्रायोजन मसला उठने पर उसने आईओए के पाले में गेंद फेंक दी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
एथलीटों ने भी किया विरोध
डाउ केमिकल्स वही कंपनी है जिसने भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड को खरीदा है। भारतीय एथलीट भी विरोध कर रहे हैं। भारत के कई पैरालिंपियंस और पैरा एथलीट भी डाउ केमिकल्स को ओलंपिक में प्रायोजक बनाने का विरोध कर रही है। इन लोगों ने आईओए से मांग की थी कि डाउ केमिकल्स की लंदन ओलंपिक में भागीदारी को निरस्त किया जाए और इसके लिए भारत सरकार ओलंपिक आयोजन समिति पर दबाव बनाए।
ऐसे हुआ खूनी खेल
यूनियन कार्बाइड भारत के सबसे दर्दनाक औद्योगिक हादसे के लिए जिम्मेदार रही है। १९८४ में भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के प्लांट में जहरीली गैस के रिसाव से लगभग २० हजार लोगों की मौते हुई। बाद में यूनियन कार्बाइड को डाउ केमिकल्स ने खरीद लिया था। आईओसी का कहना है कि डाउ केमिकल्स को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
भोपाल कांड से डाउ का कोई संबंध नहीं ?
आईओसी का कहना है कि डाउ का भोपाल गैस कांड के १६ साल बाद और भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ४७० मिलियन डॉलर के मुआवजे को मंजूरी देने के १२ साल बाद तक डाउ का यूनियन कार्बाइड में कोई मालिकाना हक नहीं बचा। इस बारे में मल्होत्रा का कहना है कि आईओए आईओसी के रवैये से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आईओसी को हमारी भावनाओं को समझकर डाउ को स्पन्सर्स से हटाना चाहिए। केंद्र सरकार को इस मसले पर अपना रवैया साफ करना चाहिए। डाउ केमिकल्स सरकार की जानकारी और अनुमति से भारत में अपना काम कर रहा है तब प्रायोजन मसला उठने पर उसने आईओए के पाले में गेंद क्यों फेंकी गई। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

Saturday, February 18, 2012

'कैप्टन कूल' को विरोधियों ने भी सराहा


संदीप सिंह
 'कैप्टन कूल' के नाम से मशूहर भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भले ही कप्तानी के तौर पर दबाव में हो लेकिन बल्लेबाजी में निचले क्रम में उनकी मैच को अंजाम तक पहुंचाने की काबिलियत के कारण उनके विरोधी भी एकदिवसीय क्रिकेट में उनकी गणना सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में कर रहे हैं। आंकड़ों को देखे तो तुलनात्मक रूप से काफी तथ्य एक जैसे रहें हैं जो धोनी को शानदार फिनिशर बनाते हैं। इसके अलावा उन्होंने १८९ कैच, ६९ स्टंपिंग और कई रन आउट भी किए हैं जबकि इसकी भूमिका भी निभाते हैं। श्रीलंका के कप्तान महेला जयवर्धने मंगलवार रात उस समय विश्वास ही नहीं कर पाये जब धोनी ने मैच टाई करवा दिया।
भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी की मौजूदगी में जो ४९ मैच हैं उसमें यह विकेटकीपर बल्लेबाज ३० बार नाबाद रहा और इस दौरान उन्होंने १०४.८९ की औसत से रन बनाए। धोनी के शीर्ष विरोधी माइकल बेवन, लांस क्लूसनर, अब्दुल रज्जाक और जोंटी रोड्स औसत के मुकाबले में उनके औसत कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप गेंद को एक इंच इधर या उधर फेंकते हो तो जैसा खिलाड़ी आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। वह शानदार फिनिशर है, वह धैर्य और संयम के साथ खेलता है। मैच के आंकड़े भी धोनी के समर्थन में रहें।

लंका ने बजाया डंका !


संदीप सिंह

सिडनी/ बेहतरीन गेंदबाजी और दमदार क्षेत्ररक्षण की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को १५८ रन पर समेटने के बाद लंकाई कप्तान महेला जयवर्धने (६१) नाबाद अर्धशतक के दम पर शुक्रवार को वर्षाबाधित एकतरफा मुकाबले में डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर आठ विकेट से हराया। श्रीलंका ने कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में यह पहली जीत दर्ज की है। पहले बल्लेबाजी करने वाली कंगारू टीम की पारी के २६वें ओवर में बारिश आने के कारण मैच ४१ ओवर प्रति टीम कर दिया गया। ऑस्ट्रेलिया ४०$ ५ ओवर में १५८ रन पर आउट हो गई। श्रीलंका ने जीत के लिए १५२ रन का संशोधित लक्ष्य २४$१ ओवर में सिर्फ दो विकेट गवांकर हासिल किया। श्रीलंका के लिए कप्तान महेला जयवर्धने ने ६७ गेंद में पांच चौकों के साथ ६१ रनों की नाबाद पारी खेली।
संगकारा के नाम नया रिकार्ड
तिलकरत्ने दिलशान ने उनका बखूबी साथ निभाते हुए ४१ गेंद में चार चौकों और एक छक्के की मदद से ४५ रन बनाए। कुमार संगकारा ने २९ गेंद में ३० रन की पारी खेली जिसमें चार चौके और एक छक्का भी जड़ा। इस बीच उन्होंने वनडे में १० हजार रन भी पूरे किए।
कंगारू होते गए ढ़ेर
ऑस्ट्रेलियाई पारी की सबसे बड़ी ४९ रन की साझेदारी डेविड हस्सी (५८) और दसवें नंबर के बल्लेबाज मिशेल स्टार्क (नाबाद १७) ने नौवें विकेट के लिए की। इन दोनों ने आठ ओवर तक डटकर ऑस्ट्रेलिया को शर्मनाक स्कोर पर सिमटने से बचाया। एक समय पर अस्ट्रेलिया के छह विकेट ८८ रन पर उखड़ चुके थे। ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम १५० रन भी नहीं बना सकेगी लेकिन हसी और स्टार्क ने उसे १५० के अंदर सिमटने से बचाया।
हसी को मिला जीवनदान
ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज हसी को आठ के स्कोर पर जीवनदान भी मिला जब लसिथ मलिंगा की गेंद पर उनका कैच छूटा। श्रीलंकाई टीम ने तीन बल्लेबाजों को रन आउट करके ऑस्ट्रेलिया की दिक्कतें और बढ़ा दी। श्रीलंका के लिए फरवेज माहरूफ और तिसारा परेरा ने क्रमश: १८ और २९ रन देकर दो दो विकेट लिए। मलिंगा, एंजेलो मैथ्यूज और रंगाना हेराथ को एक-एक विकेट मिला। मलिंगा ने खतरनाक सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर (१३) को धीमी गेंद पर आउट किया। वर्नर ने मलिंगा को दो चौके लगाए लेकिन पांचवें ओवर में उसी की गेंद पर मिडऑन में कैच दे बैठे। माहरूफ ने इसी तरह की गेंद पर कार्यवाहक कप्तान रिकी पोंटिंग (दो) को पवेलियन भेजा।
पोंटिंग ११वें ओवर में रिटर्न कैच देकर लौटे। अगले ओवर में परेरा ने मैथ्यू वेड (१५) को रन आउट किया जबकि एंजेलो मैथ्यूज ने माइकल हसी (१३) को अपना शिकार बनाया। पिछले मैच में आराम मिलने के बाद टीम में लौटे माइकल हसी अच्छे फार्म में दिख रहे थे। उन्होंने मैथ्यूज को छक्का भी लगाया लेकिन अगली गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमा बैठे। पीटर फोरेस्ट (१६) माहरूफ का दूसरा शिकार बने जिन्होंने स्लिप में कैच थमाया। वहीं डेनियल क्रिस्टियन (छह) को परेरा ने पगबाधा आउट किया।
बारिश का खलल
इसके बाद बारिश के कारण मैच रूका रहा। खेल बहाल होने पर क्लाइंट मैक्के (तीन) और ब्रेट ली (०) जल्द आउट हो गए। डेविड हस्सी और स्टार्क ने इसके बाद स्कोर १५० रन तक पहुंचाया। हसी ने ६४ गेंद में छह चौकों की मदद से ५८ रन बनाए और वह ४०वें ओवर में आउट हुए।
बोनस के साथ लंका
कॉमनवेल्थ बैंक (सीबी) सीरीज में श्रीलंका की यह पहली जीत है। वर्षाबाधित एकतरफा मुकाबले में डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर कंगारू पर श्रीलंका की ८ विकेट से जीत के बाद बोनस अंकों की बदौलत अंकतालिका में ४ मैचों ७ सात अंक हासिल किये।