Tuesday, July 26, 2011

मिथक और सवालों भरा होगा २०००वां टेस्ट!

Sandeep Singh on Wednesday, July 20, 2011 at 8:39pm
- का काउंट डाउन शुरू
- क्रिकेट प्रेमियों में उत्सुकता
संदीप सिंह
भोपाल।
टेस्ट क्रिकेट के ऐतिहासिक २०००वें टेस्ट को शुरू होने में अब महज कुछ घंटो का समय शेष रह गया है। दूसरे शब्दों में कहें, तो इसका काउंट डाउन शुरू हो गया है। लेकिन क्रिकेट जगत के ऐतिहासिक लाडर््स के मैदान में खेला जाने वाला यह मैच अनेक सवालों से भरा हुआ है और ये सवाल क्रिकेट प्रेमियों के जेहन को बराबर कौंध रहे हैं ? मसलन, क्या यह मैच कभी न टूट सकने वाले इतिहास को रचने का साक्षी बनेगा, क्या दुनिया धुरंधर बल्लेबाज शतकवीर सचिन तेंदुलकर इस मैच में अपने शतको का महाशतक जड़ पाने में सफल होंगे ? भले ही वह यह कह रहेे हैं कि इग्लैंड दौरे का पूरा लुत्फ उठाना ही उनका मकसद है और वह महाशतक के बारे में नहीं सोच रहे हैं। इसके अलावा क्या सचिन लार्डस के मैदान पर शतक जमाकर पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर की बराबरी कर सकेंगे। क्योकि वेंगसरकर के अलावा अभी तक किसी अन्य भारतीय खिलाड़ी ने इस मैदान पर तीन अंको के आंकड़े को नहीं छुआ है। एक अन्य सवाल यह है कि हर सौवें टेस्ट सीरीज में मेजबान टीम का दबदबा रहा है और यह भी भारत-इंग्लैंड के बीच खेला जाने वाला सौवां मैच है, तो क्या भारत भी वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया की तरह मेजबान टीम के दबदबे को दबा पाएगा ? मालूम हो वेस्ट इंडीज ने तीन और ऑस्ट्रेलिया ने एक बार इस मिथक को तोड़ा हैं। ऐसे ही कई सवालों और मिथक से भरा होगा यह मैच। अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में लगभग डेढ़ साल से भारतीय टीम का दबदबा बना हुआ हैं। आज भारतीय क्रिकेट टीम टेस्ट रैकिंग में शीर्ष स्थान पर कब्जा किये हुऐ हैं। इस बादशाहत को भारतीय टीम २१ जुलाई से इंग्लैंड़ के खिलाफ शुरू हो रही चार घमासान मैचों की शृंखला में जारी रख पाएगी? भारत के अनुभवी दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ‘क्रिकेट का मक्का’ कहा जाने वाले लार्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर टेस्ट इतिहास के २०००वें मैच में अपना शतकों का शतक लगाने में सफल रहेंगे? सचिन अतराराष्ट्रीय क्रिकेट में १००वें शतक के कीर्तिमान बनाने की दहलीज पर खड़े हैं। वहीं भारत के हर नागरिक को उम्मीद है कि इस जोरदार श्रंृखला में १००वें शतक का रिकार्ड तो बनाए साथ ही रनों का अंबार लगाकर अपना असली दबदबा दुनिया को दिखा दें। इस श्रंृखला में सचिन का अनुभव भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। सचिन इंग्लैण्ड में इंग्लैण्ड के खिलाफ टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज भी हैं। उन्होंने अब तक के १३ टेस्ट में ४ शतक के साथ १३०२ रन बनाए है। वहीं दूसरी और भारतीय क्रिकेट टीम की ‘दीवार’ कहे जाने वाले अनुभवी बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को भी इंग्लैण्ड का खासा अनुभव है। द्रविड़ ने लॉडर््स में ९५ रनों की पारी के साथ अपने टेस्ट कैरियर का इंग्लैण्ड से दमदार आगाज किया था। द्रविड़ के अलावा टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण के पास अपना असल रंग दिखाने का मौका होग। परन्तु अभी भारत के लिए ओपनिंग जोड़ी सबसे अहम मुद्दा बन गया है। वजह ये है कि वीरेन्द्र सहवाग-गौतम गम्भीर फिलहाल दोनों ही अनफिट महसूस कर रहे हैं। सहवाग ने इंग्लैंड दौरे पर फिट रहने की उम्मीद जताई हैं, इस सीरीज में अगर यह दोनों ओपनर फिट हो जाते है तो भारत अंग्रेजी टीम (इंग्लैंड) को करारी शिकस्त दे सकेगा। यह याद दिला दें कि लार्ड्स पर पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकार तीन शतक बनाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं। भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ माने जाने वाली ‘त्रिमूर्ति’ के तीन सदस्यों सचिन, राहुल और वीवीएस लक्ष्मण में से कोई भी अब तक लार्ड्स पर शतक नहीं लगा पाया है। द्रविड़ ने लॉर्ड्स पर तीन टेस्ट में दो अर्धशतक बनाए है हालांकि एक बार वह अपने शतक के बेहद करीब जा पहुंचे लेकिन मात्र पांच रन से यह उपलब्धि अपने नाम नहीं कर सके। लक्ष्मण ने लॉर्ड्स पर दो टेस्टों में कुल १७१ रन बनाए हैं जिसमें एक अर्धशतक शामिल है। सचिन ने मीडिया से कुछ दिन पहले कहा था कि वह १००वें शतक के बारे में नहीं सोच रहे हैं। वह इंग्लैंड दौरे का पूरा मजा उठाने के बारे में सोच रहे हैं। परन्तु पूर्व कप्तानों ने इंग्लैंड टीम को चेता दिया है कि जब सचिन मजे को खेल में लाते हैं तो कुछ अनोखा कर जाते हैं । सचिन ने लॉर्डस पर कुल चार टेस्टों में १४९ रन बनाए और उनका अधिकतम स्कोर ३७ रन रहा है जो वर्ष २००७ में भारतीय टीम के पिछले इंग्लैंड दौरे के दौरान बनाए थे। यह २०००वां टेस्ट मैच होगा और यदि अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो पाएंगे कि पहले से लेकर १००,२००,१००० यानी लगभग हर सौवें टेस्ट मैच में मेजबान टीम का दबदबा रहा है। भारत के लिये वहां की तेज और स्विंग लेती पिचों पर उसके तेज गेंदबाजों का सामना करना आसान नहीं होगा। इसके अलावा २०००वां टेस्ट होने के कारण आंकड़े भी भारत के खिलाफ ही हैं। पहले, १००वे, २००वे और इसी तरह से आगे के हर सौवें टेस्ट मैच के परिणाम बताते हैं कि मेजबान टीम अधिकतर मैच में जीत दर्ज करने में सफल रही है।
इसमें पहला टेस्ट मैच भी शामिल किया जाता है तो अब तक ऐसे २० मैचों में से १४ का परिणाम निकला है जिनमें से दस मैच में मेजबान टीम विजयी रही है। भारत को यदि इस परंपरा को तोडऩा है तो उसे आस्ट्रेलिया या वेस्टइंडीज जैसा प्रदर्शन करना होगा। आस्ट्रेलिया ने एक जबकि वेस्टइंडीज ने तीन अवसरों पर विदेशी सरजमीं पर इस तरह के टेस्ट मैचों मे जीत दर्ज की। भारत के लिये अच्छी खबर यह है कि इन चारों अवसरों पर हारने वाली मेजबान टीम इंग्लैंड की ही थी। मेलबर्न में खेला गया पहला टेस्ट मैच मेजबान आस्ट्रेलिया ने ४५ रन से जीता था। इसके बाद १००वां टेस्ट मैच सिडनी में खेला गया जिसमें फिर से आस्ट्रेलिया जीतने में सफल रहा। इंग्लैंड ने १९४८ में ३००वें टेस्ट मैच की मेजबानी की थी लेकिन तब मेहमान आस्ट्रेलिया जीत गया था। अब बारी भारत की अपेक्षित जीत की है।

No comments:

Post a Comment