Tuesday, January 29, 2013

भोपाल से एक्सप्रेस न्यूज़ समाचार पत्र  में प्रकाशित   


संदीप सिंह
नई दिल्ली/ भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के विरोध के बावजूद अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने गुरुवार को साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया कि १९८४ के भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार डाउ केमिकल्स लंदन ओलंपिक की प्रायोजक बनी रहेगी। साथ ही कहा कि इस कंपनी का भोपाल गैस कांड से कोई लेना-देना नहीं हैं। हालांकि आईओसी के इस फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई है। आईओसी का कहना है कि डाउ कैमीकल का २००० तक कार्बाइड में कोई मालिकाना हक नहीं था। उसका यह भी कहना है कि डाउ कैमीकल के साथ पिछले ३० साल से अधिक समय से रिश्ता है और हमने जब डाउ के साथ भागीदारी पर चर्चा की तो हम भोपाल गैस कांड से वाकिफ भी थे।
इससे पहले आईओए ने लंदन ओलंपिक खेलों के प्रायोजक के रूप में डाउ कैमीकल का शुरू से विरोध किया, क्योंकि यूनियन कार्बाइड का मालिकाना हक उसके पास है। यूनियन कार्बाइड भारत के सबसे दर्दनाक औद्योगिक हादसे के लिये जिम्मेदार है। आईओए न आईओसी और लंदन ओलंपिक खेलों की आयोजन समिति से डाउ को खेलों के प्रायोजक से हटाने का आग्रह किया था। आईओए के कार्यकारी विजय कुमार मल्होत्रा को भेजे गये पत्र में आईओसी प्रमुख जाक रोगे ने कहा है, कि आईओसी मानती है कि १९८४ में भोपाल कांड भारत और दुनिया के लिये भयावह था।
ओलंपिक आंदोलन पीडि़तों के परिवार पर गहरी संवेदना रखता है। इस पत्र पर मल्होत्रा ने कहा कि आईओए आईओसी के रवैये से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आईओसी को हमारी भावनाओं को समझकर डाउ को प्रायोजक से हटाना चाहिए। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार को इस मसले पर अपना रवैया साफ करना चाहिए। मल्होत्रा का कहना है कि हमें अभी सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है जबकि आईओसी ने हमें जवाब दे दिया है। मल्होत्रा ने कहा कि जबकि डाउ कैमीकल की जानकारी और अनुमति से भारत में अपना काम कर रहा है तब प्रायोजन मसला उठने पर उसने आईओए के पाले में गेंद फेंक दी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
एथलीटों ने भी किया विरोध
डाउ केमिकल्स वही कंपनी है जिसने भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड को खरीदा है। भारतीय एथलीट भी विरोध कर रहे हैं। भारत के कई पैरालिंपियंस और पैरा एथलीट भी डाउ केमिकल्स को ओलंपिक में प्रायोजक बनाने का विरोध कर रही है। इन लोगों ने आईओए से मांग की थी कि डाउ केमिकल्स की लंदन ओलंपिक में भागीदारी को निरस्त किया जाए और इसके लिए भारत सरकार ओलंपिक आयोजन समिति पर दबाव बनाए।
ऐसे हुआ खूनी खेल
यूनियन कार्बाइड भारत के सबसे दर्दनाक औद्योगिक हादसे के लिए जिम्मेदार रही है। १९८४ में भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के प्लांट में जहरीली गैस के रिसाव से लगभग २० हजार लोगों की मौते हुई। बाद में यूनियन कार्बाइड को डाउ केमिकल्स ने खरीद लिया था। आईओसी का कहना है कि डाउ केमिकल्स को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
भोपाल कांड से डाउ का कोई संबंध नहीं ?
आईओसी का कहना है कि डाउ का भोपाल गैस कांड के १६ साल बाद और भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ४७० मिलियन डॉलर के मुआवजे को मंजूरी देने के १२ साल बाद तक डाउ का यूनियन कार्बाइड में कोई मालिकाना हक नहीं बचा। इस बारे में मल्होत्रा का कहना है कि आईओए आईओसी के रवैये से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आईओसी को हमारी भावनाओं को समझकर डाउ को स्पन्सर्स से हटाना चाहिए। केंद्र सरकार को इस मसले पर अपना रवैया साफ करना चाहिए। डाउ केमिकल्स सरकार की जानकारी और अनुमति से भारत में अपना काम कर रहा है तब प्रायोजन मसला उठने पर उसने आईओए के पाले में गेंद क्यों फेंकी गई। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

Saturday, February 18, 2012

'कैप्टन कूल' को विरोधियों ने भी सराहा


संदीप सिंह
 'कैप्टन कूल' के नाम से मशूहर भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भले ही कप्तानी के तौर पर दबाव में हो लेकिन बल्लेबाजी में निचले क्रम में उनकी मैच को अंजाम तक पहुंचाने की काबिलियत के कारण उनके विरोधी भी एकदिवसीय क्रिकेट में उनकी गणना सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में कर रहे हैं। आंकड़ों को देखे तो तुलनात्मक रूप से काफी तथ्य एक जैसे रहें हैं जो धोनी को शानदार फिनिशर बनाते हैं। इसके अलावा उन्होंने १८९ कैच, ६९ स्टंपिंग और कई रन आउट भी किए हैं जबकि इसकी भूमिका भी निभाते हैं। श्रीलंका के कप्तान महेला जयवर्धने मंगलवार रात उस समय विश्वास ही नहीं कर पाये जब धोनी ने मैच टाई करवा दिया।
भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी की मौजूदगी में जो ४९ मैच हैं उसमें यह विकेटकीपर बल्लेबाज ३० बार नाबाद रहा और इस दौरान उन्होंने १०४.८९ की औसत से रन बनाए। धोनी के शीर्ष विरोधी माइकल बेवन, लांस क्लूसनर, अब्दुल रज्जाक और जोंटी रोड्स औसत के मुकाबले में उनके औसत कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप गेंद को एक इंच इधर या उधर फेंकते हो तो जैसा खिलाड़ी आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। वह शानदार फिनिशर है, वह धैर्य और संयम के साथ खेलता है। मैच के आंकड़े भी धोनी के समर्थन में रहें।

लंका ने बजाया डंका !


संदीप सिंह

सिडनी/ बेहतरीन गेंदबाजी और दमदार क्षेत्ररक्षण की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को १५८ रन पर समेटने के बाद लंकाई कप्तान महेला जयवर्धने (६१) नाबाद अर्धशतक के दम पर शुक्रवार को वर्षाबाधित एकतरफा मुकाबले में डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर आठ विकेट से हराया। श्रीलंका ने कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में यह पहली जीत दर्ज की है। पहले बल्लेबाजी करने वाली कंगारू टीम की पारी के २६वें ओवर में बारिश आने के कारण मैच ४१ ओवर प्रति टीम कर दिया गया। ऑस्ट्रेलिया ४०$ ५ ओवर में १५८ रन पर आउट हो गई। श्रीलंका ने जीत के लिए १५२ रन का संशोधित लक्ष्य २४$१ ओवर में सिर्फ दो विकेट गवांकर हासिल किया। श्रीलंका के लिए कप्तान महेला जयवर्धने ने ६७ गेंद में पांच चौकों के साथ ६१ रनों की नाबाद पारी खेली।
संगकारा के नाम नया रिकार्ड
तिलकरत्ने दिलशान ने उनका बखूबी साथ निभाते हुए ४१ गेंद में चार चौकों और एक छक्के की मदद से ४५ रन बनाए। कुमार संगकारा ने २९ गेंद में ३० रन की पारी खेली जिसमें चार चौके और एक छक्का भी जड़ा। इस बीच उन्होंने वनडे में १० हजार रन भी पूरे किए।
कंगारू होते गए ढ़ेर
ऑस्ट्रेलियाई पारी की सबसे बड़ी ४९ रन की साझेदारी डेविड हस्सी (५८) और दसवें नंबर के बल्लेबाज मिशेल स्टार्क (नाबाद १७) ने नौवें विकेट के लिए की। इन दोनों ने आठ ओवर तक डटकर ऑस्ट्रेलिया को शर्मनाक स्कोर पर सिमटने से बचाया। एक समय पर अस्ट्रेलिया के छह विकेट ८८ रन पर उखड़ चुके थे। ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई टीम १५० रन भी नहीं बना सकेगी लेकिन हसी और स्टार्क ने उसे १५० के अंदर सिमटने से बचाया।
हसी को मिला जीवनदान
ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज हसी को आठ के स्कोर पर जीवनदान भी मिला जब लसिथ मलिंगा की गेंद पर उनका कैच छूटा। श्रीलंकाई टीम ने तीन बल्लेबाजों को रन आउट करके ऑस्ट्रेलिया की दिक्कतें और बढ़ा दी। श्रीलंका के लिए फरवेज माहरूफ और तिसारा परेरा ने क्रमश: १८ और २९ रन देकर दो दो विकेट लिए। मलिंगा, एंजेलो मैथ्यूज और रंगाना हेराथ को एक-एक विकेट मिला। मलिंगा ने खतरनाक सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर (१३) को धीमी गेंद पर आउट किया। वर्नर ने मलिंगा को दो चौके लगाए लेकिन पांचवें ओवर में उसी की गेंद पर मिडऑन में कैच दे बैठे। माहरूफ ने इसी तरह की गेंद पर कार्यवाहक कप्तान रिकी पोंटिंग (दो) को पवेलियन भेजा।
पोंटिंग ११वें ओवर में रिटर्न कैच देकर लौटे। अगले ओवर में परेरा ने मैथ्यू वेड (१५) को रन आउट किया जबकि एंजेलो मैथ्यूज ने माइकल हसी (१३) को अपना शिकार बनाया। पिछले मैच में आराम मिलने के बाद टीम में लौटे माइकल हसी अच्छे फार्म में दिख रहे थे। उन्होंने मैथ्यूज को छक्का भी लगाया लेकिन अगली गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमा बैठे। पीटर फोरेस्ट (१६) माहरूफ का दूसरा शिकार बने जिन्होंने स्लिप में कैच थमाया। वहीं डेनियल क्रिस्टियन (छह) को परेरा ने पगबाधा आउट किया।
बारिश का खलल
इसके बाद बारिश के कारण मैच रूका रहा। खेल बहाल होने पर क्लाइंट मैक्के (तीन) और ब्रेट ली (०) जल्द आउट हो गए। डेविड हस्सी और स्टार्क ने इसके बाद स्कोर १५० रन तक पहुंचाया। हसी ने ६४ गेंद में छह चौकों की मदद से ५८ रन बनाए और वह ४०वें ओवर में आउट हुए।
बोनस के साथ लंका
कॉमनवेल्थ बैंक (सीबी) सीरीज में श्रीलंका की यह पहली जीत है। वर्षाबाधित एकतरफा मुकाबले में डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर कंगारू पर श्रीलंका की ८ विकेट से जीत के बाद बोनस अंकों की बदौलत अंकतालिका में ४ मैचों ७ सात अंक हासिल किये।

Tuesday, July 26, 2011

मिथक और सवालों भरा होगा २०००वां टेस्ट!

Sandeep Singh on Wednesday, July 20, 2011 at 8:39pm
- का काउंट डाउन शुरू
- क्रिकेट प्रेमियों में उत्सुकता
संदीप सिंह
भोपाल।
टेस्ट क्रिकेट के ऐतिहासिक २०००वें टेस्ट को शुरू होने में अब महज कुछ घंटो का समय शेष रह गया है। दूसरे शब्दों में कहें, तो इसका काउंट डाउन शुरू हो गया है। लेकिन क्रिकेट जगत के ऐतिहासिक लाडर््स के मैदान में खेला जाने वाला यह मैच अनेक सवालों से भरा हुआ है और ये सवाल क्रिकेट प्रेमियों के जेहन को बराबर कौंध रहे हैं ? मसलन, क्या यह मैच कभी न टूट सकने वाले इतिहास को रचने का साक्षी बनेगा, क्या दुनिया धुरंधर बल्लेबाज शतकवीर सचिन तेंदुलकर इस मैच में अपने शतको का महाशतक जड़ पाने में सफल होंगे ? भले ही वह यह कह रहेे हैं कि इग्लैंड दौरे का पूरा लुत्फ उठाना ही उनका मकसद है और वह महाशतक के बारे में नहीं सोच रहे हैं। इसके अलावा क्या सचिन लार्डस के मैदान पर शतक जमाकर पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर की बराबरी कर सकेंगे। क्योकि वेंगसरकर के अलावा अभी तक किसी अन्य भारतीय खिलाड़ी ने इस मैदान पर तीन अंको के आंकड़े को नहीं छुआ है। एक अन्य सवाल यह है कि हर सौवें टेस्ट सीरीज में मेजबान टीम का दबदबा रहा है और यह भी भारत-इंग्लैंड के बीच खेला जाने वाला सौवां मैच है, तो क्या भारत भी वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया की तरह मेजबान टीम के दबदबे को दबा पाएगा ? मालूम हो वेस्ट इंडीज ने तीन और ऑस्ट्रेलिया ने एक बार इस मिथक को तोड़ा हैं। ऐसे ही कई सवालों और मिथक से भरा होगा यह मैच। अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में लगभग डेढ़ साल से भारतीय टीम का दबदबा बना हुआ हैं। आज भारतीय क्रिकेट टीम टेस्ट रैकिंग में शीर्ष स्थान पर कब्जा किये हुऐ हैं। इस बादशाहत को भारतीय टीम २१ जुलाई से इंग्लैंड़ के खिलाफ शुरू हो रही चार घमासान मैचों की शृंखला में जारी रख पाएगी? भारत के अनुभवी दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ‘क्रिकेट का मक्का’ कहा जाने वाले लार्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर टेस्ट इतिहास के २०००वें मैच में अपना शतकों का शतक लगाने में सफल रहेंगे? सचिन अतराराष्ट्रीय क्रिकेट में १००वें शतक के कीर्तिमान बनाने की दहलीज पर खड़े हैं। वहीं भारत के हर नागरिक को उम्मीद है कि इस जोरदार श्रंृखला में १००वें शतक का रिकार्ड तो बनाए साथ ही रनों का अंबार लगाकर अपना असली दबदबा दुनिया को दिखा दें। इस श्रंृखला में सचिन का अनुभव भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। सचिन इंग्लैण्ड में इंग्लैण्ड के खिलाफ टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज भी हैं। उन्होंने अब तक के १३ टेस्ट में ४ शतक के साथ १३०२ रन बनाए है। वहीं दूसरी और भारतीय क्रिकेट टीम की ‘दीवार’ कहे जाने वाले अनुभवी बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को भी इंग्लैण्ड का खासा अनुभव है। द्रविड़ ने लॉडर््स में ९५ रनों की पारी के साथ अपने टेस्ट कैरियर का इंग्लैण्ड से दमदार आगाज किया था। द्रविड़ के अलावा टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण के पास अपना असल रंग दिखाने का मौका होग। परन्तु अभी भारत के लिए ओपनिंग जोड़ी सबसे अहम मुद्दा बन गया है। वजह ये है कि वीरेन्द्र सहवाग-गौतम गम्भीर फिलहाल दोनों ही अनफिट महसूस कर रहे हैं। सहवाग ने इंग्लैंड दौरे पर फिट रहने की उम्मीद जताई हैं, इस सीरीज में अगर यह दोनों ओपनर फिट हो जाते है तो भारत अंग्रेजी टीम (इंग्लैंड) को करारी शिकस्त दे सकेगा। यह याद दिला दें कि लार्ड्स पर पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकार तीन शतक बनाने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं। भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ माने जाने वाली ‘त्रिमूर्ति’ के तीन सदस्यों सचिन, राहुल और वीवीएस लक्ष्मण में से कोई भी अब तक लार्ड्स पर शतक नहीं लगा पाया है। द्रविड़ ने लॉर्ड्स पर तीन टेस्ट में दो अर्धशतक बनाए है हालांकि एक बार वह अपने शतक के बेहद करीब जा पहुंचे लेकिन मात्र पांच रन से यह उपलब्धि अपने नाम नहीं कर सके। लक्ष्मण ने लॉर्ड्स पर दो टेस्टों में कुल १७१ रन बनाए हैं जिसमें एक अर्धशतक शामिल है। सचिन ने मीडिया से कुछ दिन पहले कहा था कि वह १००वें शतक के बारे में नहीं सोच रहे हैं। वह इंग्लैंड दौरे का पूरा मजा उठाने के बारे में सोच रहे हैं। परन्तु पूर्व कप्तानों ने इंग्लैंड टीम को चेता दिया है कि जब सचिन मजे को खेल में लाते हैं तो कुछ अनोखा कर जाते हैं । सचिन ने लॉर्डस पर कुल चार टेस्टों में १४९ रन बनाए और उनका अधिकतम स्कोर ३७ रन रहा है जो वर्ष २००७ में भारतीय टीम के पिछले इंग्लैंड दौरे के दौरान बनाए थे। यह २०००वां टेस्ट मैच होगा और यदि अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो पाएंगे कि पहले से लेकर १००,२००,१००० यानी लगभग हर सौवें टेस्ट मैच में मेजबान टीम का दबदबा रहा है। भारत के लिये वहां की तेज और स्विंग लेती पिचों पर उसके तेज गेंदबाजों का सामना करना आसान नहीं होगा। इसके अलावा २०००वां टेस्ट होने के कारण आंकड़े भी भारत के खिलाफ ही हैं। पहले, १००वे, २००वे और इसी तरह से आगे के हर सौवें टेस्ट मैच के परिणाम बताते हैं कि मेजबान टीम अधिकतर मैच में जीत दर्ज करने में सफल रही है।
इसमें पहला टेस्ट मैच भी शामिल किया जाता है तो अब तक ऐसे २० मैचों में से १४ का परिणाम निकला है जिनमें से दस मैच में मेजबान टीम विजयी रही है। भारत को यदि इस परंपरा को तोडऩा है तो उसे आस्ट्रेलिया या वेस्टइंडीज जैसा प्रदर्शन करना होगा। आस्ट्रेलिया ने एक जबकि वेस्टइंडीज ने तीन अवसरों पर विदेशी सरजमीं पर इस तरह के टेस्ट मैचों मे जीत दर्ज की। भारत के लिये अच्छी खबर यह है कि इन चारों अवसरों पर हारने वाली मेजबान टीम इंग्लैंड की ही थी। मेलबर्न में खेला गया पहला टेस्ट मैच मेजबान आस्ट्रेलिया ने ४५ रन से जीता था। इसके बाद १००वां टेस्ट मैच सिडनी में खेला गया जिसमें फिर से आस्ट्रेलिया जीतने में सफल रहा। इंग्लैंड ने १९४८ में ३००वें टेस्ट मैच की मेजबानी की थी लेकिन तब मेहमान आस्ट्रेलिया जीत गया था। अब बारी भारत की अपेक्षित जीत की है।

क्रिकेट संघों में राजनेताओं का दखल

Sandeep Singh on Saturday, July 23, 2011 at 8:02pm
-बीसीसीआई में नेताओं का कब्जा,स्थानीय चुनाव में शिवसेना कूदी
३ जूलाई २०११
संदीप सिंह
भोपाल। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने हांगकांग में सम्पन्न अपने वार्षिक सम्मेलन में प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि सभी देश अपने क्रिकेट बोर्डों की राजनीतिक प्रभावों से मुक्त करने के लिए उचित कदम उठाये और आवश्यकता पड़े तो बोर्ड के संविधान में संशोधन करेंं। आईसीसी के इस दिशा निर्देश के लिए सदस्य देशों को दो साल का समय भी दिया गया है। इस प्रतिबंध में क्रिकेट जगत में फिर से नई बहस शुरू हो गई है। इस फरमान से दुनिया के किसी क्रिकेट बोर्ड के लिए परेशानी का विषय हो या न हो लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को खासी परेशानी होगी। जिसका कारण यह है कि बीसीसीआई के साथ देश के सभी प्रमुख क्रिकेट संगठन या दूसरे खेलों के संगठनों में नेताओं का हस्तक्षेप और दबदबा बना रहता है। आगामी १४ जुलाई से मुम्बई क्रिकेट संघ (एमसीए) के चुनाव होने वाले हैं। इस संघ पर पिछले करीब ५० साल से राजनेताओं का कब्जा बना हुआ है। जिसके चलते एमसीए चुनाव में यह क्रम आगे भी जारी रहने की संभावना है। देश के अधिकांश क्रिकेट संघों में हमेशा से नेताओं का ही कब्जा रहा है वहीं एमसीए मुंबई क्रिकेट संघ पर राजनेताओं ने पिछले करीब ५० साल से अपना दबदबा बनाए हुआ है। इसी तरह १५ जुलाई को होने वाले एमसीए चुनावों में यह क्रम आगे भी जारी रहने वाला है। हालांंंकि यह भी कहा जाता है कि एमसीए भारत को सबसे ज्यादा टेस्ट क्रिकेटर देने वाला संंघ हैंं। वहींं आईसीसी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री होने के साथ एमसीए के वर्तमान प्रमुख शरद पवार फिर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ते नजर आएंगे। पवार ने चुनाव लडऩे का फैसला किया है। काफी सदस्य यह चाहते हैं कि वह अगले दो साल तक और इस पद पर बने रहें और उन्होंने उनकी इच्छा का सम्मान किया। पवार के खिलाफ भारत के पूर्व कप्तान और पूर्व मुख्य चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के चुनाव लडऩे की उम्मीद है। वहींं वेंगसरकर का कहना है कि मैं अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ूंगा। उन्होंने मैंने सबसे पहले दावेदारी की घोषणा की थी। वेंगसरकर और देशमुख दोनों फिलहाल एमसीए के उपाध्यक्ष हैं। चुनाव के दावेदारों की स्पष्ट तस्वीर नामांकन दाखिल होने के बाद उभरकर आयेगी। माधव मंत्री (१९८७ से १९९२ तक) का बतौर एमसीए प्रमुख कार्यकाल छोड़ दें तो सेशाराव वानखेड़े के १९६४ में यह पद संभालने के बाद से एमसीए की बागडोर हमेशा किसी नेता ने कुर्र्सी संभाली है। लेकिन अब पवार के खिलाफ वेंगसरकर चुनाव में हैं। अगर सूत्रों की माने तो पूर्व क्रिकेटर बलविंदर संधू और चंद्रकांत पंडित ने वेंगसरकर की दावेदारी का खुला समर्थन करेगें। शिवसेना ने वेंगसरकर खेमे के समर्थन की घोषणा की एमसीए चुनाव राजनीति का अखाड़ा बन गया है। शिवसेना ने मुंंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के चुनावों के लिए आज पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर की अगुआई वाले गुट के समर्थन की घोषणा की। शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘क्रिकेट प्रशासन के राजनीतिकरण के कारण खिलाडिय़ों ने (प्रशासन से) दूरी बना ली है। क्या शरद पवार और विलासराव देशमुख जैसे राजनेताओं ने कभी अपने हाथ में बल्ला थामा है।‘‘शिवसेना के इस नेता ने कहा कि जब उनकी पार्टी ने पाकिस्तानी खिलाडिय़ों पर आपत्तिा जताई तो उसे हमेशा कहा गया कि क्रिकेट के खेल में राजनीति को मत लाओ। उन्होंने कहा कि तो फिर ये राजनेता क्रिकेट में क्या कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी का नजरिया है कि राजनीतिक हस्तक्षेप ने क्रिकेट को खत्म कर दिया है और पैसे की अहमियत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि एमसीए चुनाव क्रिकेट को बचाने और राजनेताओं को एमसीए से बाहर फेंकने का अच्छा मौका है। शिवसेना के नेता उद्धव ने कहा कि राजनेता के लिए खेल को पसंद करना गलत नहीं है लेकिन क्रिकेट बोर्ड का कार्यभार संभालना बिलकुल अलग मुद्दा है। एमसीए अध्यक्ष पद के उम्मीदवार वेंगसरकर को १५ जुलाई को होने वाले चुनाव में निवर्तमान अध्यक्ष और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के अलावा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव देशमुख केेेेेेेी चुनौती का सामना करना है।

द्रविड़ बने नबंर दो बल्लेबाज,१२३६४

Sandeep Singh on Saturday, July 23, 2011 at 8:18pm

-सचिन नबंर एक पर
सदीप सिंह
भोपाल। इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्डस टेस्ट में ऐतिहासिक २००० वें टेस्ट मुकाबले में भारतीय पारी में ५०वां रन बनाते ही भारतीय टीम की दीवार कहें जाने वाले राहुल द्रविड़ दुनिया के नंबर टेस्ट बल्लेबाज बन गये हैं। उल्लेखनीय है कि विश्श्व के नबर एक बल्लेबाज भारत के ही सचिन तेदुंलकर हैं। इस तरह नंबर एक और दो पर भारतीय खिलाडियों का कब्जा हो गया हैं। लेकिन अफसोस जनक तरीके से महान बल्लेबाज सचिन तेदुंलकर एक बार फिर लॉर्डस पर शतक ठोकने में असफल रहें। सचिन ने ३४ रनों का योगदान दे सके। इसके पहले भारतीय टीम के ३ विकेट के नुकसान पर ५०ओवरों पर १६८ रन बना लिये हैं। हालांकि भारत को शूरूआती दो घण्टें में सालामी २ बल्लेबाज इंग्लैंड की गेंदबाजी के सामने नहीं चल सके। खबर लिखे जाने तक ताजा आंकडें में भारत की ओर उतरे अनुभवी वीवीएस लक्ष्मण (०१) रन और राहुल द्रविड़ ७ चौके के योगदान से ५० रन बनाकर मैदान पर खेल रहें हैं। इसके साथ भारतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ टेस्ट कैरियर में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में सचिन के बाद दूसरा स्थान हासिल कर लिया हैं। शीर्ष स्थान पर सचिन १७८ मैचों में १५७२४ रन हैं। ताजा समाचार लिखे जाने तक दूसरे स्थान पर राहुल द्रविड़ अपने करियर के १५४ टेस्ट मुकाबले में १२३६४ पर खेल रहें हैं। तीसरे स्थान पर १२३६३ रन के साथ रिकीं पोटिंग हैं। इसके पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर (१५) रन के साथ ही ब्रोड का शिकार हो गये। इस मुकाबले गंभीर ने अभिनव मुकुंद के साथ ६३ रनों की साझेदारी कर भारत के स्कोर को ६३ रन पहुंचाया। इस ऐतिहासिक टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबजों पर न केवल इंग्लैंड के स्कोर को पार पाने की चुनौती होगी बल्कि टीम को मजबूत स्थित में पहुंचाने का भी जिम्मा होगा। राहुल द्रविड़ व वीवीएस लक्ष्मण को इंग्लैंड में खेलने के अनुभव का फायदा उठाना होगा। इसके पहले इंग्लैंड के पीटरसन ने नाबाद दोहरा शतक जडक़र इंग्लैंड को मजबूत स्थिति तक पहुंचाया जिसके बाद स्ट्रॉस ने ८ विकेट पर ४७४ रन पर पारी घोषित कर दी। वहीं प्रवीण कुमार ने लॉर्ड्स के मैदान पर ५ विकेट चटकाकर सीरीज की यादगार शुरूआत की। पीटरसन ने अपनी शानदार पारी में ३२६ गेंदों का सामना किया और शानदार २१ चौके और एक छक्का जड़ा। उन्होंने इयान बेल (४५) के साथ चौथे विकेट की साझेदारी में ११० रन जोडे और फिर मैट प्रायर (७१) के साथ छठे विकेट के लिए १२० रन की साझेदारी की। जहीर की गैरमौजूदगी में मेरठ एक्सप्रेस प्रवीण कुमार ने ५ विकेट निकालकर इंग्लैंड को भारी भरकम स्कोर बनाने से रोकने कोशिश की, लेकिन वे पीटरसन के बल्ले को नहीं रोक सके।